लुगाई का लोग
कर्मों का भोग
लोग की लुगाई
समझो मुसीबत आई,
पति की पत्नी
पर कतरनी,
पत्नी का पति
मारी गई मति
हजबैंड की वाइफ
टेंशन में लाइफ़
वाइफ का हज़बैण्ड,
बेलन से बाजे बैंड,
सजनी का साजन
बना कोपभाजन,
साजन की सजनी
मनभर वजनी
गुलाम की जोरू
बड़ी कानफोडू
जोरू का गुलाम
समझो काम तमाम
कविता खतम
राम-राम।
रविवार, 2 मई 2010
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