my world
यह ब्लॉग खोजें
रविवार, 2 मई 2010
औरतें
खुद
शराब
हैं
मगर
पीने
से
डरती
है
मुहब्बत
में
मर
जायें
सौ
-
सौ
बार
मगर
बुड्ढी
होकर
जीने
से
डरती
है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरे बारे में
प्रशांत कुमार
कहने को तो कुछ भी कह दूँ..मगर बदलते दौर से डरता हूँ
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
फ़ॉलोअर
ब्लॉग आर्काइव
▼
2010
(28)
►
सितंबर
(1)
►
अगस्त
(8)
►
जुलाई
(5)
▼
मई
(8)
रात जाएगी सुबह आएगी
खुदकुशी करना
औरतें
प्रवृत्ति
औरतें कुछ परिभाषाएँ
चमचा
प्यार का रंग
मौसम
►
अप्रैल
(6)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें