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मंगलवार, 20 अप्रैल 2010

मुह्बत्त

मुह्बत्त एक ऐसा जज्बा है जिसकी कोपलें हर दिल में फूटती है लेकिन परबाना नहीं चढ़ पाता है क्यूंकि हालत पांब के जंजीर बन जाती है और बक्त मरहम का काम करता है मगर कुछ लोग मुह्बत्त के लिए ही धरती पर आते है और बड़ा से बड़ा तूफान भी उनका रुख नहीं बदल पाती है और गुजरता हुआ समय उंके जख्मो को नासूर कर देता है और बे बेक़रार दिल को आराम देने के लिए दुनिया से टकराने का हौसला रखते है.