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शनिवार, 31 जुलाई 2010

लव, अट्रेक्शन या इन्फेचुएशन

प्रेम और आकर्षण के बीच अंतर

जीवन में हम बहुत से लोगों से मिलते हैं। कुछ आपको हँसाते हैं, कुछ के साथ आप बहुत मजा करते हैं और कुछ का डील-डौल देखकर ही अच्छा लगता है, लेकिन किसी में वो बात नहीं रहती जो आप अपने सपनों के राजकुमार के बारे में सोचती रही हैं। न जाने आप कितने लोगों से मिल चुकी हैं, लेकिन फिर भी आपकी तलाश अधूरी है।

जब ऐसी स्थिति आ जाती है तब लगता है कि काश अपने मनपसंद साथी को बनाना आपके हाथ में होता और आप हर व्यक्ति में से अच्छे-अच्छे गुण चुनकर एक परफेक्ट साथी चुन लेतीं, लेकिन यह हमेशा याद रखिए कि दुनिया का कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता और आप किसी से पूरी तरह बदलने की आशा भी नहीं कर सकती हैं।

ऐसी दुविधापूर्ण स्थिति में आपको प्रेम और आकर्षण के बीच अंतर समझना सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है, क्योंकि महज आकर्षण के धरातल पर किसी भी रिश्ते की नींव मजबूत हो ही नहीं सकती है। अब आपके सामने सबसे बड़ी समस्या अपने आदर्श साथी को लेकर है, यह भी सुलझ जाएगी यदि आप तय कर लेंगी कि आखिर वास्तविक जिंदगी में आप क्या चाहती हैं

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