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शनिवार, 31 जुलाई 2010

बीते हुए अफसाने आए हैं रुलाने


ज्यादा दिन नहीं हुए इस किस्से को। आईआईटी के टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में अध्ययनरत तृतीय वर्ष की छात्रा प्रगति का शिमला के होटल में रूड़की आईआईटी में तीसरे साल के विद्यार्थी उसके बॉयफ्रेंड गौरव वर्मा ने कत्ल कर दिया। बाद में गौरव ने स्वीकारा कि उसने ही प्रगति की हत्या की है, क्योंकि प्रगति ने उसे बताया कि उसका इससे पहले भी किसी से संबंध था।

इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वर्तमान रिश्तों को बचाने के लिए अतीत के रिश्तों को दफनाना ही चाहिए? दरअसल इसमें भी महिलाओं और पुरुषों का दृष्टिकोण अलग-अलग है। पुरुष अपने संबंधों को अब भी बड़े गर्व के साथ स्वीकारते हैं, लेकिन महिलाएँ स्वीकारते हुए ही हिचकिचाएँगी। हिन्दी फिल्मों में या कहानियों में उम्रदराज महिलाएँ अक्सर युवा लड़कियों को अपना अतीत छिपाने का सुझाव देती नजर आती हैं। दरअसल इस मामले में अनुभव और सिद्धांत अलग-अलग होते हैं।

सिद्धांत कहते हैं कि स्वस्थ रिश्तों में आपसी विश्वास जरूरी है और इसके लिए किसी भी तरह का दुराव-छिपाव नहीं होना चाहिए। संक्षेप में सबकुछ एक-दूसरे को बता दिया जाना चाहिए, लेकिन अनुभव वह है जो शिमला में प्रगति के साथ हुआ। फिर भी इस दिनों युवाओं के सोच में बदलाव आया है।

सॉफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर रूपल महेश्वरी इस मामले में कहती हैं कि पुरुष स्वभाव से ही पजेसिव होते हैं, यदि थोड़ा बाद में उन्हें पिछले रिश्ते के बारे में पता चले तो कहा नहीं जा सकता है कि वे किस तरह से प्रतिक्रिया दें।

इसी तरह कम्प्यूटर व्यवसायी मुदित मल्होत्रा पुरुषों को सुझाव देते हैं कि यदि आपमें सच को सह पाने की क्षमता हो तो ही आप इस पचड़े में पड़ें। यदि नहीं है तो फिर अपने साथी का अतीत जानने की पहल कतई न करें।

काउंसलर डॉ. सुशील गोरे कहते हैं- एक रिश्ता विश्वास और ईमानदारी से मजबूत होता है। कहीं हम दोहरा चरित्र अख्तियार कर लेते हैं, हम सच कह तो सकते हैं, लेकिन सच को सह पाने का साहस नहीं जुटा पाते हैं। प्रगति ने सच कह पाने का साहस दिखाया, उसकी प्रशंसा की जानी चाहिए, लेकिन उसका साथी उसे सह नहीं पाया। युवा आजकल टीवी शोज से सीख रहे हैं कि रिश्तों में किस तरह से षड्यंत्र किए जा सकते हैं।

इसी तरह से होटल व्यवसायी शिमित आहूजा स्पष्ट कहते हैं कि मैं नहीं जानना चाहता कि मेरी गर्लफ्रेंड का पास्ट क्या है? मैं इस बारे में ज्यादा परेशान भी नहीं होता। यदि मैं उसका अतीत जानना चाहूँगा तो फिर वह भी मेरा अतीत जानना चाहेगी। फिर मैं हमेशा उसके पुराने रिश्ते से खुद को कंपेयर करूँगा और यह हमारे रिश्ते को ही बरबाद कर देगा। वह यदि मुझसे पूछेगी कि क्या पहले मेरा किसी से अफेयर था, तो मैं इंकार कर दूँगा।

एक तरफ जहाँ लड़कियाँ रिश्तों में ईमानदारी चाहती हैं, वहीं लड़के इस मामले में पलायनवादी हो जाते हैं। वे यह पचा नहीं पाते कि उनकी साथी का पहले भी कोई रिश्ता रहा होगा... अब कारण क्या है, इसके लिए अलग से विश्लेषण की जरूरत पड़ेगी।

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्‍दर लेख

    अच्‍छी भावों की अभिव्‍यक्ति

    ब्‍लागजगत पर आपका स्‍वागत है ।

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  2. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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  3. hindi blog jagat me aapka swagat hai. aapne vastav me ek aise vishhay ko uthaya hai jiska nirakaran hona abhi hona itana aasan nahi dikhta,karan isme sabki soch alag-alag hai.
    poonam

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  4. उत्तम लेखन है… आपके नये ब्लाग के साथ आपका स्वागत है। अन्य ब्लागों पर भी जाया करिए। मेरे ब्लाग "डिस्कवर लाईफ़" जिसमें हिन्दी और अंग्रेज़ी दौनों भाषाओं मे रच्नाएं पोस्ट करता हूँ… आपको आमत्रित करता हूँ। बताएँ कैसा लगा। धन्यवाद...

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  5. इस सुंदर से नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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